रूस-यूक्रेन वॉर में डायमंड और सोना महंगा।
सोना और डायमंड के भावों में भी रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण उछाल आया है। डायमंड का रफ माल रूस से आता है। जिसकी सूरत में कटिंग होकर जयपुर और राजस्थान में सप्लाई होती है। डायमंड में 25 फीसदी से ज्यादा की तेजी युद्ध के बाद आई है। सोने की कीमतों भी लगातार बढ़ रही हैं। बुधवार सुबह 24 कैरेट गोल्ड की कीमत जयपुर में 56 हजार छू गई। पिछले 10 दिनों में यह बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इससे पहले काफी समय से 48 हजार के आसपास यह भाव चल रहे थे। बाजार में खरीद और बिक्री (लेवाली और देवाली) दोनों नहीं हो पा रहे हैं। कुछ लोग युद्ध के कारण भाव और बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं। तो कुछ युद्ध जल्द शांत होने पर कीमतों में बड़ी कमी आने की आस लगाए हैं।
पानी के बुलबुले की तरह बढ़ी गोल्ड की कीमत
इंडिया ज्यूलरी फोरम,राजस्थान के सेक्रेट्री आशीष मेघराज ने बताया यह एक बबल (पानी के बुलबुले) की तरह है। युद्ध के हालातों में वर्ल्ड के बड़े बैंक शेयर मार्केट से निकालकर काफी पैसा गोल्ड में इन्वेस्ट करते हैं। इसलिए युद्ध होने तक शेयर बाजार गिरता है। सोने के भाव बढ़ते हैं। बड़े इन्वेस्टर्स दुनियाभर में गोल्ड और सिल्वर में पैसा इन्वेस्ट कर पार्क कर देते हैं। इसे सेफ हेवन या सुरक्षित निवेश कहा जाता है। इस वक्त भी ऐसे ही हालात बनते नजर आ रहे हैं। इसलिए गोल्ड की वेल्यू बढ़ी हुई नजर आ रही है। जबकि गोल्ड की एक्चुअल खरीददारी नहीं हो रही है। जब गोल्ड टूटेगा तो शेयर मार्केट रिकवर होगा।
गोल्ड और ज्यूलरी का होल सेलर्स ने माल खरीदना किया बंद
ज्वैलर्स एसोसिएशन जयपुर के पूर्व अध्यक्ष संजय काला ने बताया कि फिलहाल गोल्ड और ज्यूलरी के होल सेलर्स ने नया माल खरीदना बंद कर दिया है। क्योंकि आशंका है कीमतें गिरने पर महंगा माल अटका रह जाएगा। तो घाटा खाना पड़ेगा। भाव के बारे में श्योरिटी नहीं होने के कारण काम नहीं हो पा रहा है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच राजस्थान में डायमंड की कीमतें 25 से 90 फीसदी तक बढ़ चुकी हैं। जो 1 कैरेट की डायमंड पोलकी 25000 रुपए भाव आती थी, वह 45000 रुपए कैरेट हो गई है। पतले और छोटे साइज के डायमंड की कीमतों में भी 30 से 40 फीसदी का इजाफा हुआ है।
3.86 लाख टन कोयला खरीदने का टेंडर
रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद कोयले की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में और बढ़ गई हैं। फिलहाल राजस्थान की बिजली उत्पादन कम्पनी को कोल इंडिया और खुद की माइंस से करीब 2500 रुपए प्रति टन भाव पर कोयला मिल रहा है। लेकिन पूरा नहीं पड़ने के कारण 5 गुणा ज्यादा रेट पर कोयला विदेशों से खरीदने की तैयारी है। ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया से महंगा कोयला खरीदने का प्रोसेस चल रहा है। एनर्जी मिनिस्ट्री की गाइडलाइंस के मुताबिक 4 फीसदी यानी 3.86 लाख टन कोयला राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड ने खरीदने के लिए टेंडर लगाया है। जितना महंगा कोयला और उसका ट्रांसपोर्टेशन पड़ेगा,फ्यूल सरचार्ज के तौर पर तीनों बिजली कम्पनियां जयपुर डिस्कॉम,जोधपुर डिस्कॉम और अजमेर डिस्कॉम बिजली उपभोक्ताओं से उसकी वसूली करेंगी। सूत्र बताते हैं कि रूस पूरी दुनिया का 20 फीसदी थर्मल कोयला एक्सपोर्ट करता है। यूक्रेन से युद्ध के कारण रूस का एक्सपोर्ट बंद हो गया है। इसके अलावा बड़े युद्ध की आशंकाओं में सभी देशों ने कोयला और क्रूड का स्टॉक करना शुरू कर दिया है। जिसमें खास तौर पर चीन, ऑस्ट्रेलिया, यूरोपियन और अफ्रीकन देशों के साथ ही उत्तर और दक्षिणी अमेरिका शामिल हैं। एक्सपोर्ट घटने के कारण भी कीमतों में इंटरनेशनल उछाल आया है।
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